Worship God not His
creation.! / भगवान की पूजा करो, उसकी रचना की नही..!
Night and Day are opposites,
and yet, they both subserve the purpose of human good, because the night gives
us rest while during the day we promote activity. The sun and the moon are
similarly complementary. They are but instruments: God is the
Cause, worship God, and not the things which He has created.
Use the things which He has
created, but do not worship them. They are but Signs pointing towards
Him.
Think again…
And from among His Signs are the night and the day and the sun and the
moon. Prostrate not to the sun nor to the moon, but prostrate yourself to Allah
Who created them, if it is Him you (really) worship. (Al-Qur’aan Sura. 41 Ayat.
37)
भगवान की पूजा करो, उसकी रचना की नहीं..!
रात और दिन एक दूसरे के विरोधी हैं पर फिर भी वे दोनों इंसान की खिदमत में लगे हैं, क्योंकि दिन हमें हमारी गतिविधि करने में सहयता देता है और रात के दौरान हम आराम करते हैं। सूर्य और चंद्रमा भी इसी प्रकार हैं, वे यंत्र हैं: भगवान कारण है, भगवान की पूजा करो, न कि उन चीजों की जो के उसने बनाई हैं।
उसने जो चीजें बनाई हैं उनका प्रयोग करो, लेकिन उनकी पूजा न करो। ये सब संकेत और चिंह हैं उसकी तरफ इशारा करने वाले।
फिर से विचार करो...
और उसकी निशानियों में से रात और दिन और सूर्य और चंद्रमा हैं। सूरज और न ही चंद्रमा को सज्दा करो, लेकिन खुद को अल्लाह के आगे झुकाओ, जिसने उन्हें बनाया है, यदि वास्तव में तुम उसी की पूजा करते हैं। (अल-कुरान सूरा 41 अयत 37)
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