Jesus came for a Sword? ईसा तलवार के लिए
आये थे?
मनुष्य मूल रूप
से शुद्ध बनाया गया था। एक पैग़म्बर की आवश्यकता तब होती है जब कुछ भ्रष्टाचार और
पाप होता है, जिससे उसे युद्ध करने के लिए भेजा जाता है। उसके आने का मतलब
बहुत परीक्षण और पीड़ा होता है; विशेष रूप
से उन लोगों के लिए जो गलत के विरोध उसका साथ देतें हैं। ईसा (शांती हो उन पर) जैसे एक शांतिपूर्ण नबी ने भी कहा: "मैं शांति के लिए नहीं बल्कि तलवार के लिए भेजा गया हूँ।" (Matt.x.34)
एक पैग़म्बर इसलिए भी आता है कि उन सभी रूहानी रहस्यों के बारे
में गवाही दे जो अज्ञानता
या अंधविश्वासों से अस्पष्ट हो गए हैं, या सांप्रदायिक विवाद की धूल में खो गए हैं। वह एक नया धर्म या संप्रदाय
स्थापित करने के लिए नहीं आता। वह धर्म सिखाने आता है। वह भगवान के सामने इस पर भी गवाह है कि मनुष्यों ने भगवान का
संदेश किस प्रकार लिया।
वह खुशखबरी या
भगवान की रहमत की अच्छी खबर के वाहक के रूप में आता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता
कि इंसान गुनाह में कितना दूर जा चुका हो या खुद पर कितना ज़ुल्म कर बैठा हो, उसे उम्मीद है अगर वो ईमान लाए, तौबा करे और नैक अमल करता रहे।
वह उन लोगों के
लिए चेतावनी के रूप में भी आता है जो परवाह नहीं करते या ध्यानहीन हैं। यह जीवन
सदा के लिए नहीँ है। एक भविष्य का जीवन है, और वह सब से ज़्यादा महत्वपूर्ण है।
वह ऐसे व्यक्ति
के रूप में भी आता है जिसके पास सभी मनुष्यों को पश्चाताप और
पापों की क्षमा के लिए आमंत्रित करने का अधिकार है; लेकिन वह यह अपनी तरफ से नहीं बल्कि भगवान के द्वारा दी गई अनुमति और अधिकार से करता है; ऐसा न हो कि हम यह सोचने लगें कि उसके पास पापों को क्षमा करने या किसी का बोझ उठाने की कोई शक्ति है, प्रत्येक व्यक्ति की व्यक्तिगत ज़िम्मेदारी है और पापों को केवल भगवान की कृपा से ही क्षमा किया जा सकता है।
सन्देशकर्ता
पूरी दुनिया को उजागर करने के लिए एक प्रकाश या दीपक के रूप में आता है। जब सूर्य
प्रकट होता है, तो सभी धीमी रोशनियाँ फीकी पड़ जातीं है, इसी
प्रकार एक नबी धर्म के नाम पर किए गए सभी झूठे रीति-रिवाजों और अंधविश्वासों को
दूर करता है। वह मानव जाति को अज्ञानता के अंधेरों से सच्चाई और ज्ञान की शुद्ध रोशनी में लाता है।
ईश्वर का संदेश
(कुरान) - इस्लाम की रोशनी - एक और केवल एक ही अलामी मज़हब, मानव जाति के
लिए सबसे बड़ी रहमत है, अगर हम वास्तव में समझना चाहें या
फिर से विचार
करें..
हे पैगंबर
(मुहम्मद)! वास्तव में हमने आपको एक गवाह के रूप में भेजा है, और खुशखबरी सुनने वाला और खबरदार करने वाला - और लोगों को अल्लाह की रहमत की तरफ बुलाने वाला, उसकी मर्ज़ी से, और एक चिराग़ रोशनी फैलाने वाला। (अल-कुरान
सूरा 33 आयात 45-46)
Jesus came for a Sword?
Man was originally
created pure. The need of a prophet arises when there is some corruption and
iniquity, which the prophet is sent to combat. His coming means much trials and
sufferings; especially to those who join him in protest against wrong. Even so
peaceful a prophet as Jesus (peace be upon him) said: “I come not to send peace
but a sword” (Matt.x.34).
A prophet also comes as a
Witness to all men about the spiritual truths which had been blocked or
obscured by ignorance or superstitions, or by the dust of sectarian
controversy. He did not come to establish a new religion or sect. He came to teach religion. He is also a witness to
God about how men received the message of God.
He comes as a bearer of glad
tidings or good news of the Mercy of God. No matter how far men have
transgressed or wronged themselves, they have hope if they believe,
repent, and live a good life.
He also comes as a Warner to
those who does not care or are heedless. This life will not last. There is a
Future life, and that is all important.
He comes as one who has a
right to invite all men to repentance and forgiveness of sins; but he does this
not of his own authority but by the permission and authority given to him by
God; lest
we should think that the prophet has any power to forgive sins or will bear
anybody’s burden, the personal responsibility of each individual remains and
sins can only be forgiven by God’s Grace.
The prophet also comes as a
light or a lamp to illuminate the whole world. When the sun appears, all the
lesser lights pale off, similarly when a prophet arrives all the false customs
and superstitions practiced in the name of religions fade away. He leads mankind out from
the darkness of ignorance to the purest lights of truth and knowledge.
The Message of God
(Qur’an) – The light of Islam – of the
One and Only Universal religion is the biggest bounty possible for
mankind, if we truly want to understand and
Think again…
O Prophet (Muhammad)! Truly
We have sent you as a Witness, and a Bearer of Glad Tidings, and a Warner – And
as one who invites to Allah’s (Grace) by His leave, and as a Lamp spreading
Light. (Al-Qur’aan Sura. 33 Ayat. 45-46)
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