श्री कृष्ण, ईसा और मूसा कौन थे?/ Who were Three Khrishna, Jesus and Moses?
जो लोग महाभारत नामक भारतीय महाकाव्य के बारे में जानते हैं वे बहुत अच्छी तरह से स्वीकार करेंगे कि श्री कृष्ण से जुड़ी कई घटनाएं पैगंबर मूसा (शांति हो उन पर) की कहानी के साथ काफी हद तक मेल खाती हैं, जो कुरान में वर्णित हैं।
जैसा कि महाभारत में भाग्य बताने वालों ने राजा (कंस) को चेतावनी दी थी, मिस्र के फिरौन को यह भी बताया गया था कि एक लड़का इस्राएल (यहूदियों) के बच्चों के बीच पैदा होगा, जो फिरौन द्वारा गुलाम बनाए गए थे और वह लड़का उसके विनाश का कारण होगा।
फिर महाभारत और कुरआन दोनों में ही पैदा होने वाले हर लड़के को मार दिया जाता था, जबकि लड़कियों को जिंदा छोड़ दिया जाता था।
इसके अलावा, शिशु कृष्ण जब पैदा हुए थे, तो उनके माता-पिता द्वारा उनको टोकरी में डाल कर पानी में छोड़ दिया गया था, और मूसा (श) की माँ ने भी उन्हें नील नदी में टोकरी में रख कर छोड़ दिया था, जो बाद में फिरौन की पत्नी द्वारा पाये गए।
इसतरह श्री कृष्ण और मूसा (श) दोनों को अपने अपने वक़्त के राजाओं के घरों में लाया गया, जो उनके भविष्य के दुश्मन थे।
लेकिन इन दो कहानियों में मुख्य अंतर यह है कि श्री कृष्ण को भगवान या भगवान का मानव रूप माना जाता है जबकि मूसा (श) भगवान के दूत थे।
ईसाईयों ने भी यही ग़लती की ईसा (श) को भगवान या भगवान का पुत्र बना लिया, जबकि ईसा (श) भी ईश्वर के दूत थे।
पैग़म्बर परमेश्वर के सेवकों से अधिक कुछ नहीं होते। वे सब इज़्ज़त में ऊँचे हैं, और इसलिए हमारे सर्वोच्च सम्मान के पात्र हैं; लेकिन हमारी पूजा नहीं।
फिर सोचें…
या अहले किताब! अपने दीन में हद से आगे न बढ़ो और ख़ुदा की शान में सच के सिवा (कोई दूसरी बात) न कहो। मरियम के बेटे ईसा मसीह (न ख़ुदा थे न ख़ुदा के बेटे) पस ख़ुदा के एक रसूल और उसके कलमे (हुक्म) थे जिसे ख़ुदा ने मरियम के पास भेजा था और ख़ुदा की तरफ़ से एक जान थे, पस ख़ुदा और उसके रसूलों पर ईमान लाओ और न कहो "तसलीस (तीन ख़ुदा है)!" बाज़ आजाओ! ये तुम्हारे लिए बेहतर है: क्यूंकि अल्लाह तो बस यकता (एक) इलाह (भगवान) है, वो इस (नुक्स) से बहूत बुलंद पाक व पाकीज़ा है कि उसका कोई बेटा हो। जो कुछ आसमानों में है और ज़मीन में है सब उसी का है और अल्लाह हर फैसले के लिये काफ़ी है। (अल-कुरआन सूरा 4 आयात 171)
Who were Shri Krishna, Jesus & Moses?
Those who know about the Indian epic called Mahabharata would very well acknowledge that many incidents related to Shri Krishna resembles to a large extent with the story of Prophet Moses (peace be upon him) narrated in the Qur’aan.
As the fortune tellers warned the king (Kans) in Mahabharata, the Pharaoh of Egypt was also told that a boy will be born among the children of Israel (Jews) who were enslaved by Pharaoh and that boy will be a cause of his destruction.
Then in both Mahabharata and Qur’aan every boy born was killed while the girls Childs were left alive.
Also, the baby Krishna when born was left in water, in a basket by his parents and the mother of baby Moses (pbuh), also placed him in the river Nile who was later found by the wife of Pharaoh.
So, both Shri Krishna and Moses (pbuh) were brought up in the houses of kings who were to be their future enemies.
But the major difference in these two stories was that Shri Krishna was taken as God or incarnation of God in human form while Moses (pbuh) was a Messenger of God.
The Christian did the same mistake in taking Jesus (pbuh) as the son of God or God taking a human form while Jesus (pbuh) was also a Messenger of God.
The Prophets are no more than the servants of God. They are raised in honour, and therefore deserve our highest respect; but not our worship.
Think again…
O People of the Scriptures! Do not exceed the limits in your religion: nor say of Allah aught but the truth. Christ Jesus, son of Mary was (no more than) a Messenger of Allah, and His Word, which He bestowed on Mary, and a Spirit created by Him: so believe in Allah and His Messengers. Say not “Three (Trinity)!” Cease! (It is) better for you: for Allah is (the Only) One elaah (God), glorified is He (far Exalted is He) above having a son. To Him belongs all that is in the heavens and all that is in the earth. And Allah is All-Sufficient as a Disposer of affairs. (Al-Qur’aan Ch. 4 Ver. 171)
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