ब्रह्मांड में सबसे बुरा अपराध कौन सा है /Which is the worst crime in creation..??
कभी भी मानव जाति के इतिहास में बेशर्मी को इस हद तक नही सराया गया होगा की सबके सामने ज़ीना (अवैध सेक्स) करने वाले लोगों को गुनेहगार कहने के बजाए स्टार कहा जाता हो - पोर्नस्टार ।
हम इस क़दर अनैतिक समय में रह रहे हैं कि अब ज़ीना भी अपराध नहीं है।
भारत के सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कहा है कि अब शादीशुदा लोगों का अवैध सेक्स करना तलाक का कारण हो सकता है लेकिन अब ये अपराध नहीं माना जायेगा। एक तरह से अदालत ने लोगों को विवाह में रहने के बावजूद लाइसेंस दिया है, के वो दूसरों के साथ गैरकानूनी संबंध बना सकतें हैं (इंडियन एक्सप्रेस न्यूज, 27 सितंबर, 2018)।
हमजिन्सी (होमोसेक्सयूएलिटी) जो आज से केवल बीस या तीस साल पहले, लगभग दुनिया के सभी देशों में एक अपराध था, अब भारत में भी अपराध नहीं है और हमें चिंता होनी चाहिए कि कहीं शीघ्र ही उच्य न्यालय यह ना तय कर दे कि इन्सेस्ट (माता-पिता, बच्चे, भाई, पोते और अन्य करीबी परिवार के सदस्यों के साथ संभोग), में भी कुछ गलत नहीं है, क्योंकि यह भी अपराध नहीं है उन विकसित मुल्कों में जिनकी हम पैरवी कर रहें हैं अगरजे इस पाप को करने वाले बालिग़ और अपनी सहमती से कर रहें हो।
यदि पुरुष का पुरुष से शादी करना और महिला का महिला से शादी करना कुछ भी गलत नहीं है और यदि हर कोई ऐसा करना शुरू कर देता है, तो मानवजाती कैसे बड़ेगी ..?
इन उज्वल राष्ट्रों के संसद भवन और अदालतें न केवल तर्कहीन, बेतुकी और बावली हो गईं हैं बल्कि मानवाधिकार के नाम पर वे शैतान की कार्यशालाएं बन गईं हैं, जहां से नियमित रूप से कानून पास किए जाते हैं मानव जाति को नीचे से नीचा गिरने के लिये।
यहां ये बताना उल्लेखनीय है कि होमोसेक्सयूएलिटी इस्लाम, ईसाई धर्म के साथ-साथ यहूदी धर्म में भी मृत्युदंड के लिए दंडनीय अपराध है।
कुरान ने इसे पैग़म्बर लूत (शांति हो उन पर) के लोगों द्वारा किए गए सबसे बत्तरीन अपराध के रूप में उल्लेख किया है, जो सभी प्रकृति के नियमों के खिलाफ था।
और इसके बावजूद वे लोग इसपर शर्मिंदा नहीं थे और न केवल गुप्त रूप से, बल्कि खुलेआम और सार्वजनिक रूप से इसका प्रदर्शन करते थे, यहां तक कि अपनी मीटिंगों में भी। गिरावट इससे आगे नहीं जा सकती थी।
वे भगवान या उसके प्रतिशोध से नही डरते थे, और भगवान के पैगंबर लूत (श) को उन्हें दंडित करने के लिये उकसाते थे।
और भगवान का क्रोध आया और उन्हें अपने अपराध, अपनी बेशर्मी और सर्वशक्तिमान के खिलाफ उनकी बग़ावत के लिए पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया, बिना कोई मौका दिये के वे
फिर से विचार करें...
(और ऐ रसूल) लूत को (याद करो) जब उन्होंने अपनी क़ौम से कहा कि तुम लोग अजब बेहयाई का काम करते हो कि तुमसे पहले सारी खुदायी के लोगों में से किसी ने नहीं किया। तुम लोग (औरतों को छोड़कर कज़ाए शहवत के लिए) मर्दों की तरफ गिरते हो और (मुसाफिरों की) रहजनी करते हो और तुम लोग अपनी महफिलों में बुरी बुरी हरकते करते हो तो (इन सब बातों का) लूत की क़ौम के पास इसके सिवा कोई जवाब न था कि वह लोग कहने लगे कि भला अगर तुम सच्चे हो तो हम पर ख़ुदा का अज़ाब तो ले आओ। (अल-कुरान सुरा 29 आयात 28-29)
Which is the worst crime in creation..??
Never ever in the history of mankind shamelessness was glorified to such an extent that people practicing adultery and fornication publicly instead of being called as criminals are calibrated as stars - The Pornstars.
We are living in times of such moral decay that now adultery also is not a crime.
Supreme Court of India recently said that Now, adultery may be a ground for divorce but is no longer a criminal offence. In a way the court has given license for people to be in marriages and at the same time, have illegitimate relationships with others (The Indian Express News, September 27, 2018).
Homosexuality which was a crime in almost all the countries of the world, a mere twenty to thirty years back, is now no more a crime in India and we should be worried that very soon the Top court may decide that there is nothing wrong in having sex with incest (intercourse with a parent, child, sibling, grandchild and other close family members), because it is also not a crime if the individuals involved are consenting adults in the so called developed countries, whom we are following.
If there is nothing wrong in men marrying to men and women marrying woman and if everyone starts doing so, then how will the human race multiple..?
The Judiciary Systems and the Parliaments of these advanced nations are not only irrational, absurd and insane rather in the name of human rights they have become the Devils workshops from where the laws are passed on regular basis to drag down mankind further and further.
It is worth mentioning here that homosexuality is a crime punishable to death penalty in Islam, Christianity as well as in Judaism.
The Qur'an mentions it as crime worst in Creation ever committed by the people of Messenger Lut (peace be upon him), which was against the laws of all nature.
And on top of that they were not ashamed of it and practiced it not only secretly, but openly and publicly, even in their assemblies exhibiting that degradation could go no further.
They did not believe in God or His retribution, and dared Gods Prophet Lut (pbuh) to bring about the Punishment if he is truthful.
And God's Wrath did came and destroyed them utterly for their crime, their shamelessness and their defiance against the Al-Mighty, not giving them any chance to
Think again...
And (remember) Lut, when he said to his people: "You commit sodomy - the worst sin which none has preceded you in (committing) it among all of mankind. "Verily you approach men (openly and publicly), and Rob the wayfarer (travellers)! And practice sodomy in your meetings. But his people said nothing except this, that bring upon us Torment of Allah if you are telling the truth. (Al-Quran Sura.29 Ver.28-29)
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