ये चुनने की स्वतंत्रता क्यों ?/ Why this freedom of Choice ? अगर भगवान की योजना इंसान को सीमित स्वतंत्रता या इच्छा शक्ति प्रदान करने की नहीं होती , तो वह हमे काफी अलग बना सकता था, या हमे स्थायी जीवों में बदल सकता था, शारीरिक रूप से , जैसा पेड़ों के साथ मामला है , या नैतिक और आध्यात्मिक गुणों में , लेकिन तब हमारी प्रगति या गिरावट की कोई भी संभावना नहीं रहती । तब इंसान उस ऊंचाई तक पहुंचने में असमर्थ होता जो अब उसके लिए खु ली है, या यदि वो कोई गलती करता है, तो पश्चाताप और दया के द्वार से लौट कर फिर से अपनी प्रगति का मार्ग पा सकता है। असल उदेशय उसकी मौलिक शुद्धता और निर्दोषता को बहाल करना है जिसमें उसे बनाया गया है । सीमित इच्छा शक्ति की वजह से आई बुराई को शिक्षा और शुद्धिकरण से समाप्त करना है क्यूंकि इस इच्छा शक्ति और उद्देश्यों को शुद्ध करने के बाद , वह किसी भी प्राणी के मुकाबले ज्यादा अधिक ऊंचाई तक पहुँच सकता है। मनुष्य को ये सभी विशेष अधिकार देने में अल्लाह की रहमत है, और मनुष्य को इन अधिकारों के साथ आने
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